What is WWW in Hindi? How WWW works? Inventor of WWW?

 

What is WWW in Hindi
WWW

आज के इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि WWW क्या होता है और यह काम कैसे करता है? साथ ही WWW और internet के बीच क्या अंतर होता है?

सबसे पहले इसकी full form की बात करे तो WWW का पूरा नाम World Wide Web होता है, इसे W3 या Web भी बोला जाता है। WWW में webpages होते है जिसे हम लोग internet की मदद से access कर सकते है। चलिए अब WWW को अच्छे से समझते है। 

Who is the Inventor of WWW?

WWW का आविष्कार Tim Berners-Lee ने 1989 में किया था। Tim Berners-Lee चाहते थे, कि लोगो तक free में information पहुंच सके और इन्हे access करना भी आसान हो। साथ ही लोग अपनी websites बनाके ओर लोगो तक नए – नए data और information को दे सके। 

What is WWW?

WWW बहुत सारे public webpages का एक समूह (group) है, जिसे लोग internet का इस्तेमाल करके देख सकते है। WWW तक पहुंचने के लिए हमें URL (Uniform Resource Locator) की मदद लेनी पड़ती है URL enter करके हम किसी भी webpage को देख सकते है।

यह सारे webpages या HTML documents hyperlinks के जरिये आपस में जुड़े रहते है। HTML documents या webpages में text, images, videos और audios होती है। यह सभी webpages publicly available होते है और कोई भी इन webpages को बड़ी ही आसानी से देख और पढ़ सकता है।

Webpage के नाम को ही URL कहते है। URL का पूरा नाम Uniform Resource Locator होता है, जिसकी मदद से हम webpage तक पहुंचते सकते है। जब भी हम web browser के addressbar में URL को enter करते है तो हम असल में web का इस्तेमाल कर रहे होते है। 

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इन websites को access करने लिए कुछ technologies की जरुरत पड़ती है -:

HTML (HyperText Markup Language)

HTML एक markup language होती है, जिसकी मदद से HTML webpage या website को बनाया जाता है। एक वेबसाइट में बहुत सारे webpages मौजूद होते है। 

Web Server

Web Server एक तरह का powerful computer होता है, जिसमे website का सारा content store रहता है और यह computer हर समय active रहता है ताकि कोई भी website के content को आसानी से access कर सके। 

HTTP (HyperText Transfer Protocol)

Internet पर data का आदान – प्रदान (Communication) करने के लिए कुछ नियम (Rules) बनाये गए है जिसे प्रोटोकॉल (Protocol) कहा जाता है और इंटरनेट से web server के content को देखने के लिए हमें HTTP protocol का इस्तेमाल करना पड़ता है। 

URL (Uniform Resource Locator)

URl के बारे में पहले भी बता चुके है, URL एक address होता है जिससे हमें पता चलता है कि एक website किस web server की location पर store है। URL पर जो नाम लिखा होता है वो असल में हमारे लिए होता है ताकि हमें याद रहे, लेकिन वो DNS (Domain Name System) की मदद से convert होकर IP Address में बदल जाता है और IP address एक कंप्यूटर की location को दिखता है कि वो कंप्यूटर किस जगह पर मौजूद है। 

Web Browser

Web Browser के नाम से ही पता चल रहा है, कि यह हमें webpages को browse करने की सुविधा देता है। web browser एक software होता है, जिसके addressbar में हम URL डालके किसी भी वेबसाइट को access कर सकते है। 

How WWW Works?

सबसे पहले एक internet user web browser (जो कि एक कंप्यूटर सॉफ्टवेयर होता है) की मदद से addressbar में एक domain name या URL (Uniform Resource Locator) लिखता है, तो उस web browser DNS (Domain Name System) की मदद से उस URL को convert करके IP Address का पता लगाता है और IP address जिस भी web server को represent करता है उस Server में से website का सारा content हमें browser में दिखा देता है। 

Website को बनाने के लिए HTML (HyperText Markup Language) language का इस्तेमाल किया जाता है और इससे बनी website का content web server पर store रहता है। 

Web Browser HTTP (HyperText Transfer Protocol) protocol की मदद लेता है एक server में से website का content दिखने के लिए और एक connection बनाने के लिए web browser और web server के बीच। इस तरह से एक WWW काम करता है। 

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